Nine Days Navratri Puja
नवरात्रि के नौ दिन: पूजन एवं हवन विधि सहित नवदुर्गा आराधना
नवरात्रि हिंदू धर्म का एक प्रमुख और पवित्र पर्व है, जिसमें नौ दिनों तक मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। यह साधना साधक को शक्ति, भक्ति, आत्मबल और जीवन में विजय प्रदान करती है। प्रत्येक दिन एक विशिष्ट देवी की पूजा, मंत्र जाप और हवन से साधक देवी की कृपा प्राप्त करता है।
प्रथम दिवस – शैलपुत्री पूजा: आत्मबल और स्थिरता का आह्वान
मां शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय की पुत्री हैं। इनकी पूजा से आत्मबल, संयम और स्थिरता की प्राप्ति होती है।
मंत्र: ॐ देवी शैलपुत्र्यै नमः
हवन मंत्र: ॐ ऐं ह्रीं क्लीं शैलपुत्र्यै नमः स्वाहा
द्वितीय दिवस – ब्रह्मचारिणी पूजा: तप, संयम और ज्ञान की आराधना
मां ब्रह्मचारिणी तपस्विनी रूप हैं। इनकी पूजा से साधक को संयम, तप और दिव्य ज्ञान की प्राप्ति होती है।
मंत्र: ॐ देवी ब्रह्मचारिण्यै नमः
हवन मंत्र: ॐ ऐं ह्रीं क्लीं ब्रह्मचारिण्यै नमः स्वाहा
तृतीय दिवस – चंद्रघंटा पूजा: शक्ति और साहस का जागरण
मां चंद्रघंटा सौंदर्य और शौर्य की प्रतीक हैं। इनकी पूजा से भय, बाधाएं और नकारात्मकता समाप्त होती है।
मंत्र: ॐ देवी चंद्रघंटायै नमः
हवन मंत्र: ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चंद्रघंटायै नमः स्वाहा
चतुर्थ दिवस – कूष्मांडा पूजा: स्वास्थ्य और ऊर्जा का स्रोत
मां कूष्मांडा ब्रह्मांड की सृजनकर्ता मानी जाती हैं। इनकी कृपा से रोग दूर होते हैं और जीवन में ऊर्जा आती है।
मंत्र: ॐ देवी कूष्मांडायै नमः
हवन मंत्र: ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कूष्मांडायै नमः स्वाहा
पंचम दिवस – स्कंदमाता पूजा: संतान सुख और प्रेम का वरदान
मां स्कंदमाता भगवान कार्तिकेय की माता हैं। इनकी पूजा से संतान सुख और मातृत्व की प्राप्ति होती है।
मंत्र: ॐ देवी स्कंदमातायै नमः
हवन मंत्र: ॐ ऐं ह्रीं क्लीं स्कंदमातायै नमः स्वाहा
षष्ठम दिवस – कात्यायनी पूजा: विवाह योग और शत्रु विनाश की शक्ति
मां कात्यायनी शक्ति का रौद्र रूप हैं। इनकी पूजा से विवाह में आने वाली बाधाएं समाप्त होती हैं और विजय प्राप्त होती है।
मंत्र: ॐ देवी कात्यायन्यै नमः
हवन मंत्र: ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कात्यायन्यै नमः स्वाहा
सप्तम दिवस – कालरात्रि पूजा: भय, तंत्र बाधा और अंधकार से मुक्ति
मां कालरात्रि अज्ञान, डर और तांत्रिक शक्तियों का नाश करती हैं। इनकी आराधना से साधक निर्भय होता है।
मंत्र: ॐ देवी कालरात्र्यै नमः
हवन मंत्र: ॐ ऐं ह्रीं क्लीं कालरात्र्यै नमः स्वाहा
अष्टम दिवस – महागौरी पूजा: शुद्धता, सौंदर्य और शांति का प्रतीक
मां महागौरी सौंदर्य, करुणा और पवित्रता की देवी हैं। इनकी कृपा से जीवन में शांति और उज्ज्वलता आती है।
मंत्र: ॐ देवी महागौर्यै नमः
हवन मंत्र: ॐ ऐं ह्रीं क्लीं महागौर्यै नमः स्वाहा
नवम दिवस – सिद्धिदात्री पूजा: सिद्धियों और पूर्णता की प्राप्ति
मां सिद्धिदात्री सभी सिद्धियों की दात्री हैं। इनकी पूजा से साधक को आध्यात्मिक तथा सांसारिक दोनों लाभ प्राप्त होते हैं।
मंत्र: ॐ देवी सिद्धिदात्र्यै नमः
हवन मंत्र: ॐ ऐं ह्रीं क्लीं सिद्धिदात्र्यै नमः स्वाहा
नवरात्रि हवन विधि (सारांश):
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हवन नवमी या अष्टमी तिथि को किया जाता है
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सामग्री: आम की लकड़ी, गाय का घी, जौ, तिल, गुड़, कपूर, नारियल, कमलगट्टा
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हवन से पूर्व मां दुर्गा का ध्यान करें और हवन मंत्रों के साथ आहुति दें
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प्रत्येक मंत्र के साथ एक-एक आहुति समर्पित करें
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हवन के पश्चात कन्या पूजन और भोग अर्पण करें
नवरात्रि की यह विधिपूर्वक साधना साधक के जीवन में सकारात्मकता, शक्ति और कल्याण का संचार करती है।
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